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प्यार हुआ चुपके से ( 8 )

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विशालाक्षी और शिवांशिका दोनों जाकर कमरे में बैठ गई। 

"शिवी तुझे हॉस्टल के दिन याद है?" विशालाक्षी ने पूछा

"हां! बड़े अच्छे से याद है। खास कर वार्डन तो बहुत अच्छे से याद है।" इतना कहते ही शिवांशिका हंसने लगी।

"उसे कैसे भुल सकती है तू? वह तो तेरा ट्रू लब थी।" विशालाक्षी की इतनी बात सुनकर,शिवांशिका मुंह बनाने लगी और फिर दोनों अपने पुराने दिनों की यादों में खो गई।



"अरे यार विशु! जल्दी चल ना। बहुत तेज भूख लगी हुई है।" इतना कहते ही शिवांशिका ने पेट पकड़ लिया।

"चल तो रही हूं। भूक्खड़ कही की।" इतना कहते ही विशालाक्षी उसका हाथ पकड़ कर वहां से चल दी। जैसे ही वें दोनों रूम से बाहर निकली वैसे ही वार्डन से टक्करा गई।

"ये सब क्या है? किसी की लाज शर्म है भी या फिर बेच कर खा ली।" वार्डन ने उन्हें रोकते हुए पूछा।

इतना सुनते ही दोनों एक दूसरे को देखने लगी। 

"क्या हुआ मैम?" विशालाक्षी ने बड़ी ही शिष्टता से पूछा।

"ये भी मै ही बताऊं? हुआ क्या है?" वार्डन बरसते हुए बोली।

"हां मैम! और कौन बताएगा?" शिवांशिका ने जवाब दिया।

"बेशर्म तो हो ही। ऊपर से उल्टा जवाब भी दे रही हो।" वार्डन तेस में आकर बोली।

"हुआ क्या है मैम?" शिवांशिका ने खुद पर काबू पाते हुए पूछा।

इतना सुन वार्डन तिलमिलाते हुए बोली और अपने हाथ में लिया हुआ डंडा उसके पैरों पर फिराते हुए बोली। "ये क्या है?" 

"शॉर्ट्स है।" शिवांशिका ने सपाट सा जवाब दिया।

"वो तो मुझे भी दिखाई दे रहा है। पर ये नंगपाना क्यों मचा रखा है।" वॉर्डन ने बड़ी ही बत्तमीजी के साथ अपनी यह बात कही।

उसकी बात सुन विशालाक्षी, शिवांशिका के कान में फुसफुसाते हुए बोली। "कभी खुद को देखा है। इतना डीप नेक ब्लाउज है कि जो दिखना नही चाहिए वो भी आराम से दिख रहा है।" इतना सुनते ही शिवांशिका मुंह पर हाथ रख कर हंस दी। 

जिसे देखकर वॉर्डन आग बबूला होते हुए बोली। "जो मै कह रही हूं वो सुनाई नहीं दे रहा? उल्टा तुम दोनों दांत दिखाने लगी। तुम्हारी शिकायत करनी पड़ेगी।" 

"पर मैम! मै तो जबसे यहां पर आई हूं किसी को कोई भी प्रॉब्लम नहीं हुई और नाहि किसी ने कभी कुछ कहा बस.......!" इतना कहते ही शिवांशिका चुप हो गई।

"मुझ से पहले यहां जो कुछ हुआ, उस से मुझे कोई लेना देना नही है। पर अब ये सब नहीं होना चाहिए।" वॉर्डन स्ट्रिक्ट होते हुए बोली।

"पर इसमें प्रॉब्लम क्या है?" शिवांशिका भी इतनी आसानी से बात मानने वालों में से नही थी।

"क्या हुआ? ये पूछो क्या नही हुआ?" वॉर्डन ने अपना सिर पकड़ते हुए जवाब दिया।

"जो नही हुआ वो ही बता दीजिए।" विशालाक्षी ने बढ़बढाते हुए पूछा।

वॉर्डन विशालाक्षी को घूरते हुए बोली। "तुमने अभी कुछ कहा।"

"नही मैम! मेरी इतनी हिम्मत कहां? जो मै आपके सामने कुछ कहूं।" विशालाक्षी ने बड़ी ही मधुरता के साथ अपनी बात कही।

"वैसे मैम मेरे शॉर्ट्स पहनने से क्या होगा?" शिवांशिका ने पूछा।

"क्या नही होगा? मेस में बैठे सभी लड़को को तुम डिस्ट्रैक्ट करती हो और साथ ही साथ यहां के टीचर्स को भी।" वॉर्डन ने बड़ी ही लापरवाही से कहा।

इतना सुनते ही विशालाक्षी, बॉय कट वाली शिवांशिका को देख कर हंसने लगी और फिर फुसफुसाते हुए बोली "उल्टा चोर कोतुहाल को डांटे। नजर कही और रहती है, निशाना किसी और पर लग रहा है।"

"वे तो मुझ पर जरा सा भी ध्यान नहीं देते।" इतना कहकर शिवांशिका ने अपने कंधे उचका दिए। 

बातों का यह सिलसिला आगे बढ़ पाता उस से पहले ही वहां पर मैथ्स टीचर आ गए। वहां पर आते ही वह बोले।

"तुम दोनों यहां पर क्या कर रही हो? खाने का वक्त हो रहा है। जल्दी जाओ, वरना फिर मेस बंद हो जाएगा, जल्दी करो।" उन्होंने अपनी कड़क अंदाज में यह बात कही और फिर वॉर्डन के पास रूकते हुए बोले। "और आप यहां पर?"

वॉर्डन जवाब दे पाती उस से पहले ही शिवांशिका बोल पड़ी। "वो सर, मैम मुझे शॉर्ट्स पर लेक्चर दे रही थी और कह रही थी कि मेरे शॉर्ट्स से लड़को का ध्यान भंग होता है।"

उसकी इतनी बात सुन वॉर्डन सकपका गई और उसे घूरने लगी।

"नही.....ऐसा तो कुछ भी नही है।" वॉर्डन ने हकलाते हुए जवाब दिया। 

शिवांशिका की बात सुन कर मैथ्स टीचर वॉर्डन को देखने लगे। जिनके खुद के कपड़े हॉस्टल कोड के नही थे। वे दोनों लड़की को आदेश देते हुए बोले। "शॉर्ट्स से कुछ नही होता। तुम दोनों जाकर खाना खा लो।" इतना कहते ही मैथ्स टीचर वहां से चल दिए। वें दोनों भी उनके पीछे ही चली गई।

वॉर्डन जाती हुई उन दोनों लड़कियों को घूरती रह गई।



"इसके बाद तो वॉर्डन तेरे पीछे हाथ धोकर ही पड़ गई थी।" विशालाक्षी ने हंसते हुए कहा।

"हां, मैंने उस के क्रश के सामने उसकी इंसल्ट जो कर दी थी।" शिवांशिका ने मजे लेते हुए कहा।

"ये तो सही कहा। वैसे उस वॉर्डन ने किसी को भी नही छोड़ा था। सबके पीछे पड़ी हुई थी। खास कर हैडसम टीचर्स और 12th स्टैंडर्ड लड़को के पीछे।" विशालाक्षी ने उसका साथ देते हुए कहा।

"ये तो सौ टका सच बात कही है तुने। कम उम्र की नही नही.. इस टाइप की वॉर्डन का ये ही नुकसान है।" इतना कह कर वह रुकी और फिर परेशान होते हुए बोली। "पर ये आर्शी कहां पर रह गई। बहुत देर से दिखाई नही दी।"

विशालाक्षी कुछ जवाब दे पाती उस से पहले ही उन्हें कुछ गिरने की आवाज सुनाई दी।



विशालाक्षी, शिवांशिका और आर्शिया काम पूरा करने के बाद जैसे ही कमरे में जाने लगी। वैसे ही वहां पर अयान आ गया। विशालाक्षी और शिवांशिका दोनों स्टडी रूम में चली गई। पर आर्शिया वही पर रह गई। 

"आप से कुछ काम था।" आर्शिया को अपने पीछे किसी से आवाज सुनाई दी। जिसे सुन कर वह पीछे पलट गई। वह आवाज किसी और की नहीं अयान की ही थी। इतना सुनते ही वह आस पास देखने लगी।

"अरे! आप को ही आवाज लगा रहा हूं।" अयान ने बड़ी ही शिष्टता से कहा।

"मुझे?" इतना कहते ही आर्शिया की आंखें गोल हो गई।

"जी आपको ही।" अयान ने अपने रवैए को बरकरार रखते हुए जवाब दिया।

"मुझ से क्या काम है?" आर्शिया ने सपाट लहजे में पूछा।

"आप सामान बहुत ही सटीक तरीके से लगाती है। मेरी किताबें लगा दीजिए।" इतना कहते ही वह आर्शिया के चेहरे की तरफ देखने लगा।

उसकी इतनी बात सुनते ही वह समझ गई। वह उस से किताब क्यों लगवाना चाहता था। आर्शिया थोड़ी देर मासूम ही शक्ल बना कर सोचते हुए बोली। "ठीक है।" 

इतना सुन अयान के मुंह से खुद ब खुद निकल गया। "सच में?"

"हां! सच में।" आर्शिया ने जवाब दिया और फिर आगे बोली। "मै शिवी को बता आऊं कि मै अभी कुछ काम कर रही हूं।" इतना कहते ही वह वहां से चली गई और थोड़ी ही देर में वापिस भी आ गई। 

उसके आते ही अयान डाइनिंग टेबल के ऊपर से अपनी किताब उठाकर अपने रूम की तरफ चल दिया। आर्शिया भी उसके पीछे पीछे चल दी।

आर्शिया ने कमरे में जाते ही देखा कि पूरा कमरा बहुत बुरी तरह से बिखरा हुआ पड़ा था। पूरे कमरें में सामान इधर से उधर फैला हुआ था। फैले हुए सामान को देखकर आर्शिया की आंखें चमक उठी। वह बड़ी ही मासूमियत के साथ बोली। "आप जब हम किताब लगा ही रहे है तो क्यों ना आपका पूरा कमरा भी सही कर दे।" इतना सुन कर अयान मन ही मन मुस्कुराते हुए सोचने लगा। "ये कैसी बेवकूफ लड़की है। सारा काम खुद ही करने को तैयार हो गई।" वह आगे कुछ सोच पाता उस से पहले ही उसे अलमारी खुलने की आवाज सुनाई दी। जिसमें से आर्शिया सारे कपड़े निकाल कर बेड पर रखने लगी। 

यह सब देखकर अयान का माथा ठनक गया। पर वह कुछ बोल भी नहीं सकता था। वह कुछ बोलने ही वाला था कि आर्शिया उस से पहले ही बोल पड़ी। "मै किताब लगा देती हूं। आप कपड़े लगा दीजिए।" इतना कहते ही वह होठ भींच कर हँसने लगी। अयान पैर पटकता हुआ रह गया। मन मसोस कर वह कपड़ो की तह करने बैठा ही था कि आर्शिया आदेशात्मक लहजे में बोली जिसमें शहद ही मिठास घुली हुई थी। "तह अच्छे से कर देना आप। कपड़े भी अलमारी में सेट कर दूंगी।" इतना कहते ही वह बेड के सामने बनी हुई सेफ को खाली करने लगी। खाली करने के बाद उसमें किताबें लगाने लगी। 

वह किताबें लगा ही रही थी कि तभी अयान की नजर उस पर पड़ी। जो इस वक्त स्टूल पर खड़ी हुई थी। उसे देखकर अयान के दिमाग में खुराफात मचने लगी। वह अपनी जगह से खड़ा हो कर सीधा आर्शिया के पास पहुंच गया। वह वहां पर पहुंचते ही बोला। "मै स्टूल को पकड़ लेता हूं। ताकि आप गिर ना सके।" इतना कहते ही उसने स्टूल को पकड़ कर हल्का सा हिला दिया।

आर्शिया सेफ में किताबें रख ही रही थी कि स्टूल हिलने की वजह से उसका संतुलन बिगड़ गया। वह खुद को संभालने लगी पर फिर भी गिर गई। गिरते हुए वह अयान से टक्करा गई जिस कारण वह भी नीचे गिर गया और आर्शिया उसके ऊपर गिर गई। आर्शिया ने गिरते ही जमीन पर हाथ टीका दिए जिस वजह से वह अयान के चेहरे से कुछ दूरी पर ही रूक गई।

आर्शिया को इतने पास से देखकर अयान की दिल की धड़कने बढ़ने लगी। वह उसके चेहरे को और ध्यान से देख पाता कि उस से पहले ही बुक सेफ आर्शिया की कमर पर गिर गई। जिस वजह से वह अयान की तरफ थोड़ा और झुक गई। वह दर्द से बिलख उठी। 

हिम्मत करके जैसे ही वह थोड़ा ऊपर उठने की कोशिश करने लगी वैसे ही वह थोड़ा और नीचे की ओर झुक गई। इतना नीचे की उसके होठ अयान के होठों से मिलने ही वाले थे। पर उस से पहले ही उसने बड़ी ही तेजी के साथ अपना हाथ जमीन से उठाकर अयान के मुंह पर रख दिया।

अयान को इतने कम समय में इस हरकत की उम्मीद नहीं थी। वह फटी हुई आंखो से आर्शिया को देखने लगा।



आर्शिया का पूरा ध्यान किताबों को सेफ को संभालने पर था। तभी उसे खूँ खूं की आवाज सुनाई दी। जब उसने देखा तो पाया कि उसका हाथ अयान के चेहरे पर रखा हुआ था। वह हिम्मत जुटा कर बोली। "जब तक ये सेफ नही उठ जाती। तब तक ऐसे ही पड़े रहो।"

इतना सुनते ही अयान उसे घूरने लगा।



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क्या होगा इन दोनों का। जानिए अगले भाग में।

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7 Comments

इंटरस्टिंग भाग था। पर उसने उसे किताबें ठीक करने के लिए क्यों बोला? ताकि गिरा सके🤔🤔 अगर हम्म! तो यह बात पहले से ashi को कैसे पता थी? की वो बुक सेल्फ को देखते ही समझ गयी थी, की वो गिराने वाला है। शायद आगे पता लगे कारण। और यह भी की, वो शिवि को सब बताकर आयी थी, तो वो और विशू क्या करेंगी अब।

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Achha likha hai aapne 🌺💐

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Gunjan Kamal

24-Aug-2022 08:24 AM

शानदार प्रस्तुति

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